Click on the link given below to find out the solutions in Video/Text.
1. निम्नलिखित के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए–
(i) Cr³⁺ (ii) Pm³⁺ (iii) Cu⁺ (iv) Ce⁴⁺
(v) Co²⁺ (vi) Lu²⁺ (vii) Mn²⁺ (viii) Th⁴⁺
2. +3 ऑक्सीकरण अवस्था में ऑक्सीकृत होने के संदर्भ में
Mn²⁺ के यौगिक Fe²⁺ के यौगिकों की तुलना में अधिक स्थायी
क्यों हैं?
3. संक्षेप में स्पष्ट कीजिए कि प्रथम संक्रमण श्रेणी के प्रथम अर्धभाग में बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के साथ +2 ऑक्सीकरण अवस्था कैसे अधिक स्थायी होती जाती है?
4. प्रथम संक्रमण श्रेणी के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस सीमा तक ऑक्सीकरण अवस्थाओं को निर्धारित करते हैं? उत्तर को उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।
5. संक्रमण तत्वों की मूल अवस्था में नीचे दिए गए d इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों में कौन-सी ऑक्सीकरण अवस्था स्थायी होगी?
3d³, 3d⁵, 3d⁸ तथा 3d⁴
6.प्रथम संक्रमण श्रेणी के ऑक्सो-धातुऋणायनों का नाम लिखिए; जिसमें धातु संक्रमण श्रेणी की वर्ग संख्या के बराबर ऑक्सीकरणअवस्था प्रदर्शित करती है।
7.लैन्थेनॉयड आकुंचन क्या है? लैन्थेनॉयड आकुंचन के परिणाम क्या हैं?
8.संक्रमण धातुओं के अभिलक्षण क्या हैं? ये संक्रमण धातु क्यों कहलाती हैं? d-ब्लॉक के तत्वों में कौन से तत्व संक्रमण श्रेणी के तत्व नहीं कहे जा सकते?
9.संक्रमण धातुओं के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस प्रकार असंक्रमण तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से भिन्न हैं?
10.लैन्थेनॉयडों द्वारा कौन-कौन सी ऑक्सीकरण अवस्थाएं प्रदर्शित की जाती हैं?
11.कारण देते हुए स्पष्ट कीजिए—
(i) संक्रमण धातुएं तथा उनके अधिकांश यौगिक अनुचुंबकीय हैं।
(ii) संक्रमण धातुओं की कणन एन्थैल्पी के मान उच्च होते हैं।
(iii) संक्रमण धातुएं सामान्यतः रंगीन यौगिक बनाती हैं।
(iv) संक्रमण धातुएं तथा इनके अनेक यौगिक उत्तम उत्प्रेरक का कार्य करते हैं।
12.अंतराकाशी यौगिक क्या हैं? इस प्रकार के यौगिक संक्रमण धातुओं के लिए भली प्रकार से ज्ञात क्यों हैं?
13.संक्रमण धातुओं की ऑक्सीकरण अवस्थाओं में परिवर्तनशीलता असंक्रमण धातुओं में ऑक्सीकरण अवस्थाओं में परिवर्तनशीलता से किस प्रकार भिन्न है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
14.आयरनक्रोमाइट अयस्क से पोटैशियम डाइक्रोमेट बनाने की विधि का वर्णन कीजिए। पोटैशियम डाइक्रोमेट विलयन पर pH बढ़ाने से क्या प्रभाव पड़ेगा?
15.पोटैशियम डाइक्रोमेट की ऑक्सीकरण क्रिया का उल्लेख कीजिए तथा निम्नलिखित के साथ आयनिक समीकरण लिखिए–
(i) आयोडाइड आयन (ii) आयरन (II) विलयन (iii) H₂S
16.पोटैशियम परमैंगनेट को बनाने की विधि का वर्णन कीजिए। अम्लीय पोटैशियम परमैंगनेट किस प्रकार–
(i) आयरन (II) आयन (ii) SO₂ तथा (iii) ऑक्सैलिकअम्ल से अभिक्रिया करता है? अभिक्रियाओं के लिए आयनिक समीकरण लिखिए।
17. M²⁺/M तथा M³⁺/M²⁺ निकाय के संदर्भ में कुछ धातुओं के EV के मान नीचे दिए गए हैं।
Cr²⁺/Cr = -0.9V , Cr³⁺/Cr²⁺ = -0.4 V
Mn²⁺/Mn = -1.2V , Mn3⁺/Mn²⁺ = +1.5 V
Fe²⁺/Fe = -0.4V , Fe³⁺/Fe²⁺ = +0.8 V
उपरोक्त आँकड़ों के आधार पर निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए–
(i) अम्लीय माध्यम में Cr³⁺ या Mn³⁺ की तुलना में Fe³⁺ का स्थायित्व।
(ii) समान प्रक्रिया के लिए क्रोमियम अथवा मैंगनीज़ धातुओं की तुलना में आयरन के ऑक्सीकरण मेंसुगमता।
18.निम्नलिखित में कौन से आयन जलीय विलयन में रंगीन होंगे?
Ti³⁺, V³⁺, Cu⁺, Sc³⁺, Mn²⁺, Fe³⁺, Co²⁺, प्रत्येक के लिए कारण बताइए।
19.प्रथम संक्रमण श्रेणी की धातुओं की +2 ऑक्सीकरण अवस्थाओं के स्थायित्व की तुलना कीजिए।
20.निम्नलिखित के संदर्भ में, लैन्थेनॉयड एवं ऐक्टिनॉयड के रसायन की तुलना कीजिए।
(i) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (ii) परमाण्वीय एवं आयनिक आकार
(iii) ऑक्सीकरण अवस्था (iv) रासायनिक अभिक्रियाशीलता।
21.आप निम्नलिखित को किस प्रकार से स्पष्ट करेंगे–
(i) d⁴ स्पीशीज़ में से Cr²⁺ प्रबल अपचायक है जबकि मैंगनीज़ (III) प्रबल ऑक्सीकारक है।
(ii) जलीय विलयन में कोबाल्ट (II) स्थायी है परंतु संकुलनकारी अभिकर्मकों की उपस्थिति में यह सरलतापूर्वक ऑक्सीकृत हो जाता है।
(iii) आयनों का d¹ विन्यास अत्यंत अस्थायी है।
22.असमानुपातन से आप क्या समझते हैं? जलीय विलयन में असमानुपातन अभिक्रियाओं के दो उदाहरण दीजिए।
23.प्रथम संक्रमण श्रेणी में कौन सी धातु बहुधा तथा क्यों +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती है?
24.निम्नलिखित गैसीय आयनों में अयुगलित इलेक्ट्रॉनों की गणना कीजिए।
Mn³⁺, Cr³⁺, V³⁺ तथा Ti³⁺ इनमें से कौन सा जलीय विलयन में अतिस्थायी है?
25.उदाहरण देते हुए संक्रमण धातुओं के रसायन के निम्नलिखित अभिलक्षणों का कारण बताइए—
(i) संक्रमण धातु का निम्नतम ऑक्साइड क्षारकीय है, जबकि उच्चतम ऑक्साइड उभयधर्मी अम्लीय है।
(ii) संक्रमण धातु की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था ऑक्साइडों तथा फ्लुओराइडों में प्रदर्शित होती है।
(viii) धातु के ऑक्सोऋणायनों में उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होती है।
26. निम्नलिखित को बनाने के लिए विभिन्न पदों का उल्लेख कीजिए —
(i) क्रोमाइट अयस्क से K₂Cr₂O₇
(ii) पाइरोलुसाइट से KMnO₄
27.मिश्रातुएं क्या हैं? लैन्थेनॉयड धातुओं से युक्त एक प्रमुख मिश्रातु का उल्लेख कीजिए। इसके उपयोग भी बताइए।
28.आंतरिक संक्रमण तत्व क्या हैं? बताइए कि निम्नलिखित में कौन से परमाणु क्रमांक आंतरिक संक्रमण तत्वों के हैं — 29, 59, 74, 95, 102, 104
29. ऐक्टिनॉयड तत्वों का रसायन उतना नियमित नहीं है जितना कि लैन्थेनॉयड तत्वों का रसायन। इन तत्वों की ऑक्सीकरण अवस्थाओं के आधार पर इस कथन का आधार प्रस्तुत कीजिए।
30.एक्टिनॉयड श्रेणी का अंतिम तत्व कौन सा है? इस तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इस तत्व की संभावित ऑक्सीकरण अवस्थाओं पर टिप्पणी कीजिए।
31. हुंड-नियम के आधार पर Ce³⁺ आयन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को व्युत्पन्न कीजिए तथा ‘प्रचक्रण मात्र सूत्र’ के आधार पर इसके चुंबकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
32.लैन्थेनॉयड श्रेणी के उन सभी तत्वों का उल्लेख कीजिए जो +4 तथा जो +2 ऑक्सीकरण अवस्थाएं दर्शाते हैं। इस प्रकार के व्यवहार तथा उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के बीच संबंध स्थापितकीजिए।
33.निम्नलिखित के संदर्भ में ऐक्टिनॉयड श्रेणी के तत्वों तथा लैन्थेनॉयड श्रेणी के तत्वों के रसायन की तुलना कीजिए।
(i) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (ii) ऑक्सीकरण अवस्थाएं (iii) रासायनिक अभिक्रियाशीलता।
34. 61, 91, 101 तथा 109 परमाणु क्रमांक वाले तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
35.प्रथम श्रेणी के संक्रमण तत्वों के अभिलक्षणों की द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के वर्गों के संगत तत्वों से क्षैतिज वर्गों में तुलना कीजिए। निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष महत्व दीजिए–
(i) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (ii) ऑक्सीकरण अवस्थाएं
(iii) आयनन एन्थैल्पी तथा (iv) परमाण्वीय आकार
36.निम्नलिखित आयनों में प्रत्येक के लिए 3d इलेक्ट्रॉनों की संख्या लिखिए–