(i) बेन्जेल्डिहाइड का 2,4-डाइनाइट्रोफेनिलहाइड्रेजोन
(ii) साइक्लोब्यूटेनोन का सेमीकार्बेजोन
(iii) साइक्लोप्रोपेनोन ऑक्सिम (iv) हेक्सेन-3-ओन का एथिलीन कीटेल
(v) ऐसीटैल्डिहाइडडाइमेथिलऐसीटैल (vi) फॉर्मेल्डिहाइड का मेथिल हेमीऐसीटेल
6. साइक्लोहेक्सेनकार्बेल्डिहाइड की निम्नलिखित अभिकर्मकों के साथ अभिक्रिया से बनने वाले उत्पादों को पहचानिए-
(i) PhMgBr एवं तत्पश्चात् H3O+ (ii) एथेनॉल का आधिक्य तथा अम्ल
(iii) टॉलेन अभिकर्मक (iv) जिक अमलगम एवं तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(v) सेमीकार्बेजाइड एवं दुर्बल अम्ल
7. निम्नलिखित में से कौन से यौगिकों में ऐल्डोल संघनन होगा, किनमें कैनिजारो अभिक्रिया होगी और किनमें उपरोक्त में से कोई क्रिया नहीं होगी? ऐल्डोल संघनन तथा कैनिजारो अभिक्रिया में संभावित उत्पादों की संरचना लिखिए।
8. एथेनैल को निम्नलिखित यौगिकों में कैसे परिवर्तित करेंगे?
(i) ब्यूटेन-1,3-डाईऑल (ii) ब्यूट-2-ईनैल (iii) ब्यूट-2-इनॉइक अम्ल
9. प्रोपेनैल एवं ब्यूटेनैल के एल्डोल संघनन से बनने वाले चार संभावित उत्पादों के नाम एवं संरचना सूत्र लिखिए। प्रत्येक में बताइए कि कौन सा ऐल्डिहाइड नाभिकरागी और कौन सा इलेक्ट्रॉनरागी होगा?
10. एक कार्बनिक यौगिक जिसका अणुसूत्र C9H10O है 2,4 DNP व्युत्पन्न बनाता है, टॉलेन अभिकर्मक को अपचित करता है तथा कैनिजारो अभिक्रिया देता है। प्रबल ऑक्सीकरण पर वह 1,2-बेन्जीनडाईकार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है। यौगिक को पहचानिए।
11. एक कार्बनिक यौगिक ‘क’ (आण्विक सूत्र, C8H16O2) को तनु सल्फ्रयूरिक अम्ल के साथ जलअपघटित करने के उपरांत एक कार्बोक्सिलिक अम्ल ‘ख’ एवं एक ऐल्कोहॉल ‘ग’ प्राप्त हुई। ‘ग’ को क्रोमिक अम्ल के साथ ऑक्सीकृत करने पर ‘ख’ उत्पन्न होता है। ‘ग’ निर्जलीकरण पर ब्यूट-1-ईन देता है। अभिक्रियाओं में प्रयुक्त होने वाली सभी रासायनिक समीकरणों को लिखिए।
12. निम्नलिखित यौगिकों को उनसे संबंधित (कोष्ठकों में दिए गए) गुणधर्मों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
(i) ऐसीटैल्डिहाइड, ऐसीटोन, डाइ-तृतीयक-ब्यूटिलकीटोन, मेथिलतृतीयक-ब्यूटिलकीटोन (HCN के प्रति अभिक्रियाशीलता)
(ii) CH3CH2CH(Br)COOH, CH3CH(Br)CH2COOH, (CH3)2CHCOOH, CH3CH2CH2COOH (अम्लता के क्रम में)
(iii) बेन्जोइक अम्ल; 4-नाइट्रोबेन्जोइक अम्ल; 3,4-डाईनाइट्रोबेन्जोइक अम्ल; 4-मेथॉक्सी बेन्जोइक अम्ल (अम्लता की सामर्थ्य के क्रम में)
13. निम्नलिखित यौगिक युगलों में विभेद करने के लिए सरल रासायनिक परीक्षणों को दीजिए-
(i) प्रोपेनैल एवं प्रोपेनोन (ii) एसीटोफीनॉन एवं बेन्जोफ़ीनोन
(iii) फ़ीनॉल एवं बेन्जोइक अम्ल (iv) बेन्जोइक अम्ल एवं एथिनबेन्जोएट (v) पेन्टेन-2-ऑन एवं पेन्टेन-3-ऑन (vi) बेन्जैल्डिहाइड एवं एसीटोप़फ़ीनोन (vii) एथेनैल एवं प्रोपेनैल
14. बेन्जीन से निम्नलिखित यौगिकों का विरचन आप किस प्रकार करेंगे? आप कोई भी अकार्बनिक अभिकर्मक एवं कोई भी कार्बनिक अभिकर्मक, जिसमें एक से अधिक कार्बन न हो, का उपयोग कर सकते हैं।
(i) साइक्लोहेक्सेनोन अच्छी लब्धि में सायनोहाइड्रिन बनाता है। परंतु 2, 2, 6-ट्राइमेथिलसाइक्लोहेक्सेनोन ऐसा नहीं करता।
(ii) सेमीकार्बोजाइड में दो -NH2 समूह होते हैं, परंतु केवल एक -NH2 समूह ही सेमीकार्बेजोन विरचन में प्रयुक्त होता है।
(iii) कार्बोक्सिलिक अम्ल एवं ऐल्कोहॉल से, अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में एस्टर के विरचन के समय जल अथवा एस्टर जैसे ही निर्मित होता है उसको निकाल दिया जाना चाहिए।
19. एक कार्बनिक यौगिक में 69.77% कार्बन 11.63% हाइड्रोजन तथा शेष ऑक्सीजन है। यौगिक का आण्विक द्रव्यमान 86 है। यह टॉलेन अभिकर्मक को अपचित नहीं करता परंतु सोडियम हाइड्रोजनसल्फाइट के साथ योगज यौगिक देता है तथा आयोडोफार्म परीक्षण देता है। प्रबल ऑक्सीकरण पर एथेनॉइक तथा प्रोपेनॉइक अम्ल देता है। यौगिक की संभावित संरचना लिखिए।
20. यद्यपि फ़ीनॉक्साइड आयन की अनुनादी संरचनाएं कार्बोक्सिलेट आयन की तुलना में अधिक है परंतु कार्बोक्सिलिक अम्ल प़फ़ीनॉल की अपेक्षा प्रबल अम्ल है। क्यों?