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1. कविता एक ओर जग-जीवन का भार लिए घूमने की बात करती है और दूसरी ओर मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ– विपरीत से लगते इन कथनों का क्या आशय है?
Answer - इस कविता में, हरिवंश राय बच्चन द्वारा दो पक्षों की बात की गई है। पहले पक्ष में वे व्यक्ति को बताते हैं जो अपने जीवन में भाग्यशाली नहीं हैं, जो संघर्ष करते हैं, जीवन के भार को संभालते हैं और उसका सामना करते हैं। दूसरे पक्ष में, वे एक व्यक्ति को वर्णित करते हैं जो जीवन को ध्यान में नहीं रखता है, जो जीवन के लिए व्यर्थ समय बिताता है और अपने आत्मा को अनदेखा करता है।
इस कविता का आशय यहाँ पर दोनों पक्षों के माध्यम से दिखाया गया है कि जीवन में संतुलन का महत्व क्या है। एक ओर जीवन के संघर्षों और भार के साथ निपटने की बात की गई है, जबकि दूसरी ओर ध्यान की महत्वपूर्णता को जाने की भी बात की गई है। यहाँ पर यह संदेश दिया गया है कि हमें अपने जीवन को संतुलित रखना चाहिए, जीवन के संघर्षों का सामना करते हुए भी हमें अपने आत्मा का ध्यान रखना चाहिए।
2. जहाँ पर दाना रहते हैं, वहीं नादान भी होते हैं– कवि ने एेसा क्यों कहा होगा?
Answer - इस वाक्य में, कवि ने दाना और नादान के बीच में एक संयोजन बताया है। यहाँ पर 'दाना' शब्द उस व्यक्ति को दर्शाता है जो बुद्धिमान और ज्ञानी होता है, जो जीवन के अनुभवों से सीखता है और अपने कार्यों में बुद्धिमानी से प्रकार करता है। वह अपने जीवन के माध्यम से सीखता है और अपनी बुद्धि का उपयोग करता है।
वहीं, 'नादान' व्यक्ति वह है जो अनुभव से सीखने की क्षमता नहीं रखता है, जो अपने कार्यों में बुद्धिमानी से नहीं प्रकार करता है।
कवि इस वाक्य में दाना और नादान के बीच में एक संयोजन कर रहे हैं, कहते हुए कि जहाँ दाना होता है, वहाँ नादानता भी होती है। यह इस बात की प्रेरणा देता है कि बुद्धिमान और ज्ञानी व्यक्ति कभी-कभी भी अपने अनुभवों को भूलकर गलतियों कर सकता है, जबकि नादान व्यक्ति हमेशा ही अपनी अज्ञानता के कारण गलतियों करेगा। इसलिए, हमें संज्ञान रखना चाहिए कि हम अपने कार्यों को ध्यान से करें और सीखते रहें, ताकि हम दाना और बुद्धिमान बन सकें।
3. मैं और, और जग और कहाँ का नाता– पंक्ति में और शब्द की विशेषता बताइए।
Answer - "मैं और, और जग और कहाँ का नाता" इस पंक्ति में "और" शब्द का उपयोग विशेषता और परिचय को बढ़ाने के लिए हुआ है। यहाँ "और" का उपयोग एक संयोजक के रूप में किया गया है, जो दो अलग-अलग धारणाओं को संयोजित करता है।
"मैं और" वाक्यांश में "मैं" के साथ "और" का उपयोग करके कवि अपने आत्मपरिचय को बढ़ाते हैं, जैसे कि वे किसी और के साथ तुलना करते हुए अपने आत्मा को प्रकट करते हैं। "और जग और" में, "जग" के माध्यम से कवि दुनिया या समुदाय को संदर्भित कर रहे हैं। "और" का उपयोग दोनों के बीच एक संबंध बनाने के लिए हुआ है, अर्थात् कवि अपने आत्मपरिचय को उस समुदाय से जोड़ते हुए समझते हैं और संबंधित महसूस करते हैं।
इस पंक्ति में "और" शब्द की विशेषता यह है कि यह एक संयोजक के रूप में उपयोग किया गया है, जो दो अलग-अलग प्रतिबिम्बों को एकत्र करता है और एक संबंध बनाता है।
4. शीतल वाणी में आग– के होने का क्या अभिप्राय है?
Answer - "शीतल वाणी में आग" शायरी में "आग" का अभिप्राय उत्साह और प्रेरणा को संदर्भित करना है। यह अभिप्राय यहाँ पर उस ऊर्जा और उत्साह को दर्शाता है जो शीतल वाणी (स्थिर और शांत भाषा) में भी आग की तरह उजागर हो सकती है।
इस अंगीकार में, "आग" न केवल तेजी से विस्फोटित होने का प्रतीक होता है, बल्कि यह भी ऊर्जा, जीवनशैली, और प्रेरणा का प्रतीक हो सकता है। "शीतल वाणी" का उपयोग यहाँ पर संदेश को और गहरा बनाने के लिए किया गया है कि यहाँ पर ऊर्जा और प्रेरणा को एक शांत और स्थिर भाषा में व्यक्त किया जा रहा है।
इसके माध्यम से हरिवंश राय बच्चन विविध भावनाओं को संदर्भित कर रहे हैं, जैसे कि उत्साह, प्रेरणा, और शांति, और इसे शीतल वाणी में आग के रूप में प्रकट कर रहे हैं।
5. बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे?
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6. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है–की आवृत्ति से कविता की किस विशेषता का पता चलता है?
Answer - "दिन जल्दी-जल्दी ढलता है" इस वाक्य से कविता की एक विशेषता का पता चलता है, और वह है समय के अतीत में कवि की चिंतन धारा का ध्यान। यह वाक्य सुझाव देता है कि कवि अपने जीवन के मूल्यों और समय की महत्वपूर्णता के संदर्भ में सोच रहे हैं।
"दिन जल्दी-जल्दी ढलता है" इस वाक्य से स्पष्ट होता है कि कवि के पास समय की कमी है, और वह अपने जीवन के मूल्यों को समझने और समय का समय होने पर विचार करने का प्रयास कर रहे हैं। इस विशेषता के माध्यम से, कवि का दृष्टिकोण और उनके विचारों की गहराई का पता चलता है और वे जीवन के महत्वपूर्ण सवालों पर विचार करते हैं।
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